यहां रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की बैठक हुई। इसमें एएमआईएएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी समेत देशभर के मुस्लिम नेता पहुंचे। मीटिंग के बाद बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। वहीं हिंदू महासभा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में केवल केस में शामिल पक्षकार ही पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं। बोर्ड इस मामले में पार्टी नहीं है, इसलिए उसे याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है।
एआईएमपीएलबी के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, ''शरई वजहों से दूसरी जगह पर मस्जिद की जमीन कबूल नहीं करेंगे। हमें वही जमीन चाहिए, जिसके लिए लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई अंतर्विरोध हैं। जब बाहर से लाकर मूर्ति रखी गई तो उन्हें देवता कैसे मान लिया गया? जन्मस्थान को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना जा सकता। गुंबद के नीचे जन्मस्थान का प्रमाण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वहां नमाज पढ़ी जाती थी। हमें 5 एकड़ जमीन नहीं चाहिए। 30 दिन के अंदर रिव्यू फाइल करना होता है, जिसे हम कर देंगे।''
सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही याचिका दाखिल करने का अधिकार: हिंदू पक्ष
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या विवाद में पक्षकार नहीं है, इसलिए उसे सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “केवल मामले से संबंधित पक्षकार ही पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं। एआईएमपीएलबी इस मामले में पार्टी नहीं है। इस मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड पक्षकार है और पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के बारे में केवल वही फैसला ले सकता है।” उन्होंने फैसले में गलतियां होने की बात भी खारिज की।
'हक की लड़ाई लड़ेंगे'
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमें मालूम है कि याचिका 100% खारिज हो जाएगी। इसके बावजूद हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। यह हमारा हक है। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड और मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी ने बैठक का बहिष्कार किया।
पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेंगे: सुन्नी वक्फ बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साफ कर दिया था कि वह फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। इसको लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। इससे इतर ओवैसी ने कहा था- मुस्लिमों को मस्जिद के लिए जमीन खैरात में नहीं चाहिए। देश का मुसलमान जमीन खरीद सकता है। उन्होंने अपने टि्वटर पर लिखा था- मस्जिद वापस चाहिए।